नगुला चाविथि के दिन सर्प देव की पूजा की गई
Nagula Chavithi 2023
(अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी)
श्री कॉलहस्ती : Nagula Chavithi 2023: (अंध्रप्रेदश) आंध्र प्रदेश की की ही नहीं पूरे देश की सबसे पुरानी मंदिर लगभग अनुमानित 3:30 लाख वर्ष पहले से है स्वर्ण मुखी नदी के तट पर श्री काल हस्तेश्वर मंदिर में नगुल चाविथि तिथि पर दीपावली के बाद में आने वाली पंचमी के पहले यहां पर नाग देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है यह परंपरा आदिम काल से है जैसे उत्तर भारत में पंचमी नाग पंचमी के नाम से पर्व मनाया जाता है ठीक उसके एक दिन पहले दक्षिण भारत में " नगुल चविती " के नाम से दो सांपों का जोड़ा का मंदिर है जहां कल दोष मंगल दोष या सर्प दोष जिस भी परिवार को प्रभावित करता है कुंडली में वे यहां पर उसे दिन जाकर काली तिल दूध फल और फूल चढ़ावे में प्रदान कर पूजा पूजा अर्चना किया जाता है जिसको श्रीे सुब्रह्मण्यस्वामी माता श्रीवल्लीकेश्वरी देवसेना के समेत इनकी पूजा अर्चना की जाती है तथा आंध्र प्रदेश के पौराणिक गाथा में बताया गया जिसको पुट्टलअम्मातल्ली के नाम से भी जाना जाता है जिनका एक और मंदिर कृष्ण जिला के पमरू कृष्णा नदी के तट पर स्थित है वहां इस वंशज के कई लोग भी वहां उनकी पूजा की जाती है सुब्रमण्येश्वरा स्वामी को उत्तर भारत में कार्तिकेय कई जगह बाबा बालक नाथ के नाम से भी जाना जाता है इस दिन अनेक लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए है कलहस्ती जाते हैं अगर वह संभव नहीं हुआ तो हर नदी किनारे स्नान घाट पर या फिर शिव मंदिर के आसपास यह मंदिर जरूर स्थापित की जाती है और वहां यह पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं यह पूजा अर्चना आंध्र प्रदेश के लगभग हर घर के लोग इसमें जरूर भाग लेते हैं
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